मेरी राय में, सोशल मीडिया को उस सीमा तक विनियमित किया जाना चाहिये जहाँ तक वह जनहित को नुकसान पहुँचाता हो — एलोन मस्क सोशल मीडिया अंतर्निहित रूप से एक स्वार्थपरायण माध्यम है। प्रस्तावना - सोशल मीडिया आज के डिजिटल युग में एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी इसका गहरा प्रभाव है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, और टेलीग्राम ने दुनिया को एक साथ जोड़ने का कार्य किया है, जहां लोग अपने विचार, भावनाएँ और घटनाएँ दुनिया भर के साथ साझा कर सकते हैं। लेकिन इन सभी सकारात्मक पहलुओं के बावजूद, सोशल मीडिया के अंतर्निहित स्वार्थपरायणता का भी एक बड़ा पहलू है। सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता अक्सर अपनी छवि, प्रसिद्धि और पहचान को बढ़ावा देने के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं। स्वार्थपूर्ण प्रवृत्तियों, जैसे 'लाइक्स', 'फॉलोअर्स', और 'शेयर' की संख्या में वृद्धि, इस माध्यम के एक अनजाने पहलू को उजागर करती है। यह प्रवृत्ति कभी-कभी वास्तविकता से अधिक आभासी दुनिया को प्र...