समय की उत्पत्ति और सृजन की अवधारणा

जब कोई मुझसे यह प्रश्न करता है कि “क्या सृष्टि को भगवान ने बनाया?”, तो मैं सबसे पहले यह स्पष्ट करता हूं कि यह प्रश्न तभी तर्कसंगत है जब हम मानें कि सृष्टि की रचना किसी समय पर हुई। यानी जब पहले कुछ नहीं था, और फिर भगवान ने उसे बनाया। लेकिन आधुनिक भौतिकी, विशेषकर आइंस्टीन की सामान्य सापेक्षता की सिद्धांत (General Theory of Relativity), और स्टीफन हॉकिंग की The Grand Design जैसी कृतियों में यह दिखाया गया है कि समय और अंतरिक्ष (space-time) ब्रह्मांड की ही भौतिक विशेषताएं हैं; वे कोई बाहरी मंच नहीं हैं जिसमें ब्रह्मांड घटित होता है। 


आइंस्टीन की थ्योरी के अनुसार, गुरुत्वाकर्षण (gravity) सिर्फ एक बल नहीं, बल्कि space-time का वक्रण (curvature) है, जो द्रव्यमान और ऊर्जा के कारण उत्पन्न होता है। इससे यह सिद्ध होता है कि समय स्वयं ब्रह्मांड का हिस्सा है। यह पहले से कहीं "बाहर" मौजूद नहीं था।


अब जब हम स्टीफन हॉकिंग और जेम्स हार्टल की नो-बाउंडरी थ्योरी (No-Boundary Proposal) को देखते हैं, तो वहां यह सुझाव दिया गया है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति क्लासिकल "बिग बैंग" विस्फोट जैसी नहीं थी, बल्कि यह क्वांटम अवस्था से निकली एक स्मूद ट्रांजिशन थी, जिसमें इमेजिनरी टाइम (Imaginary Time) की अवधारणा का उपयोग होता है। इस मॉडल में, ब्रह्मांड का कोई "प्रारंभिक किनारा" (initial boundary) नहीं है, और इसलिए "उससे पहले क्या था?" यह प्रश्न वैसा ही है जैसे कोई पूछे कि "धरती के उत्तर में सबसे उत्तरी बिंदु के आगे क्या है?"


 वह प्रश्न भौगोलिक रूप से निरर्थक है, क्योंकि वह उस फ्रेमवर्क में फिट नहीं बैठता। इसी प्रकार, अगर समय की उत्पत्ति बिग बैंग से हुई, तो "भगवान ने ब्रह्मांड कब बनाया?" यह प्रश्न भी तर्कहीन हो जाता है, क्योंकि "कब" पूछने के लिए पहले समय का अस्तित्व आवश्यक है और वो था ही नहीं।


हॉकिंग ने स्पष्ट कहा था:


*"Because there is a law such as gravity, the universe can and will create itself from nothing."*


यानी यदि गुरुत्वाकर्षण जैसा प्राकृतिक नियम मौजूद है, तो ब्रह्मांड की उत्पत्ति स्वतः संभव है, बिना किसी बाहरी कारण या सृजनकर्ता के। यह कथन किसी धार्मिक विश्वास का खंडन नहीं करता, बल्कि यह विज्ञान की परिधि में यह सिद्ध करता है कि ईश्वर को 'ज़रूरी कारण' मानना आवश्यक नहीं है। ब्रह्मांड की उत्पत्ति और उसके नियमों की व्याख्या प्राकृतिक नियमों के आधार पर की जा सकती है, जो परीक्षण योग्य और गणितीय रूप से परिभाषित हैं। 


इसलिए, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो सृष्टि की उत्पत्ति के लिए ईश्वर जैसी चेतन शक्ति की कोई अनिवार्यता नहीं बनती, यह एक वैकल्पिक विश्वास हो सकता है, पर एक अनिवार्य तर्क नहीं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अधिगम के सिद्धांत (Theories Of learning) ( Behaviorist - Thorndike, Pavlov, Skinner)

महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन (Educational Philosophy Of Mahatma Gandhi)

अधिगम की अवधारणा (Concept Of Learning)

बुद्धि की अवधारणा — अर्थ, परिभाषा, प्रकार व सिद्धांत (Concept Of Intelligence)

बन्डुरा का सामाजिक अधिगम सिद्धांत (Social Learning Theory Of Bandura)

विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग या राधाकृष्णन कमीशन (1948-49) University Education Commission

माध्यमिक शिक्षा आयोग या मुदालियर कमीशन: (1952-1953) SECONDARY EDUCATION COMMISSION

विशिष्ट बालक - बालिका (Exceptional Children)

व्याख्यान विधि (Lecture Method)