Life of pi (π)
पाई (Pi) आखिर है क्या? इसका सही जवाब किसी के पास नहीं। हम बस इतना जानते हैं कि चाहे कोई वृत्त (Circle) कितना ही बड़ा हो या कितना ही छोटा, जब भी उसकी परिधि (Circumference) को उसके व्यास (Diameter) से भाग देंगे, तो हर बार वही अद्भुत मान सामने आता है — पाई (Pi)। यह नियम इस पूरे ब्रह्मांड (Universe) में हर जगह एक जैसा है।
लेकिन पाई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके दशमलव (Decimal) अंकों में अब तक कोई भी निश्चित पैटर्न नहीं मिला। जैसे यह कोई ऐसा रहस्य हो, जो पूरे अस्तित्व (Existence) की जड़ में छुपा है। जापान के अकीरा हरागुची को पाई में एक गहरी आध्यात्मिकता नजर आई। उन्होंने इसे इतना महत्वपूर्ण माना कि इसके एक लाख अंकों तक को याद कर लिया।
2022 में जब सुपर कंप्यूटर कई महीनों तक चलते रहे और उन्होंने पाई को 100 ट्रिलियन अंकों तक निकाला, तब भी उसमें कोई दोहराव, कोई क्रम नजर नहीं आया। गणितज्ञ मानते हैं कि पाई के भीतर वह हर संभव अंकों का मेल छुपा है, जो इस सृष्टि में कहीं भी मौजूद हो सकता है। कोई जन्मतिथि (Birth Date), कोई फोन नंबर — सब कुछ जैसे इसके भीतर छुपा बैठा है। मानो यह हमारे जीवन के डीएनए (DNA) की तरह है, जहाँ हर नया अंक एक नई कहानी को जन्म देता है।
अगर सोचें तो यह संसार भी तो एक बड़ा वृत्त ही है — जीवन और मृत्यु का चक्र। उसमें हमारा अस्तित्व उस वृत्त का व्यास है। और जब इस परिधि को व्यास से बांटते हैं, तो वही पाई निकल आता है।
शायद हमारी जिंदगी भी कुछ ऐसी ही है। अनगिनत अनुभवों और यादों की परिधि, जिसे हमारे सपनों और हदों का व्यास थामे हुए है। हर किसी का अनुपात (Ratio) अपने-अपने ढंग से अनोखा है, फिर भी सब एक अदृश्य नियम में बंधे हैं। पाई हमें यही तो बताता है — कि इस ब्रह्मांड में कुछ रहस्य ऐसे हैं, जो हर जगह हैं, हर रूप में हैं, फिर भी पूरी तरह समझ नहीं आते। और शायद इसी में इसकी सबसे बड़ी सुंदरता छुपी है।
हम सब अस्तित्व के अपने-अपने वृत्त *(Circles)* हैं।
हर कोई अपने आकार, अपने रंग, अपनी कहानियों और अनगिनत सपनों के साथ —
एकदम अनोखा, बिल्कुल अलग।
हमारी यादें, हमारे अनुभव, हमारे रिश्ते —
ये सब मिलकर हमारी परिधि *(Circumference)* बनाते हैं।
और हमारे भीतर के विश्वास, सीमाएं, डर और उम्मीदें —
वही तो हमारा व्यास *(Diameter)* हैं।
पर जैसे ही हम अपने जीवन की इस परिधि को अपने व्यास से भाग देते हैं,
हर बार वही रहस्यमय अनुपात प्रकट होता है — *पाई (π)।*
यह वही शाश्वत नियम है, जो बताता है कि
चाहे वृत्त कितना भी बड़ा हो या छोटा,
उसका अनुपात (Ratio) हमेशा वही रहेगा।
यानी हर जीवन अपनी तरह खास है, फिर भी किसी बड़े नियम में बंधा हुआ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें