अद्वैत वेदांत को प्रोजेक्टर-फिल्म रूपक द्वारा समझना
अद्वैत वेदांत का प्रोजेक्टर-फिल्म रूपक
पूर्ण रूपक: फिल्म रूपी संसार
तत्व | प्रतीकात्मक पहचान |
---|---|
ब्रह्म | शुद्ध प्रकाश (सत-चित-आनंद स्वरूप) |
माया | फिल्म की रील और लेंस |
ईश्वर | ब्रह्म की चेतन शक्ति जो माया को निर्देशित करती है |
जगत | स्क्रीन पर चलती फिल्म |
जीव | फिल्म का पात्र जो भूल गया कि वह प्रकाश है |
चरण 1: ब्रह्म = शुद्ध प्रकाश (Pure Conscious Light as Sat-Chit-Ananda)
सिद्धांत:
ब्रह्म ही परम तत्त्व है — सत-चित-आनंद स्वरूप:
- सत (Existence): वह जो कभी नहीं बदलता, नष्ट नहीं होता — नित्य सत्ता।
- चित (Consciousness): वह जो स्वयं प्रकाशमान है — जिससे सब कुछ जाना जाता है।
- आनंद (Bliss): पूर्ण शांति, संतोष और निर्बाध पूर्णता — जिसे प्राप्त कर कुछ और चाहना नहीं रह जाता।
उदाहरण:
→ यही है ब्रह्म — सत-चित-आनंद स्वरूप, जो स्वयं अपरिवर्तनीय है, परंतु जिसके कारण सब कुछ प्रकट होता है।
चरण 2: माया = लेंस + फिल्म रील (Maya as Name-Form Generator)
सिद्धांत:
- आवरण (Avarana): ब्रह्म का सत्यस्वरूप ढक लेती है।
- विक्षेप (Vikshepa): उस छिपे सत्य पर झूठा दृश्य प्रक्षिप्त करती है।
उदाहरण:
→ वही शुद्ध प्रकाश, अब नाम-रूप में बँधकर "संसार" बन गया।
चरण 3: ईश्वर = ब्रह्म की चेतन शक्ति जो माया को निर्देशित करती है (Saguna Brahman)
सिद्धांत:
उदाहरण:
- समृद्धि: यह चेतन शक्ति माया में विविधता, जटिलता और अनुभव जोड़ती है।
- निर्देशन: यह चेतन शक्ति एक अंतर्निहित व्यवस्था और उद्देश्य प्रदान करती है।
चरण 4: जगत = स्क्रीन पर चलती फिल्म (The World as Projection)
सिद्धांत:
उदाहरण:
→ यही है जगत — अनुभव योग्य, पर अंतिम सत्य नहीं। प्रकाश की छाया मात्र।
चरण 5: जीव = फिल्म में उलझा पात्र (The Individual Soul)
सिद्धांत:
उदाहरण:
→ जीव ब्रह्मस्वरूप को भूल गया है — माया के स्वप्न में खोया है।
चरण 6: मुक्ति = जागृति (Liberation through Self-Knowledge)
सिद्धांत:
उदाहरण:
"राज" को एक झटका लगता है और वह जान जाता है:
“मैं पात्र नहीं हूँ — मैं वही प्रकाश हूँ जिससे यह सब बना है।”
→ यही है मोक्ष — माया से पार, पुनः ब्रह्मस्वरूप में स्थित होना।
माया क्यों है? यह फिल्म क्यों बनी?
सिद्धांत:
सारांश तालिका (Flow Recap):
चरण | तत्व | सिद्धांत | उदाहरण |
---|---|---|---|
1 | ब्रह्म | सत-चित-आनंद स्वरूप | प्रोजेक्टर की सफेद रोशनी |
2 | माया | नाम-रूप की शक्ति | लेंस और रील |
3 | ईश्वर | माया को निर्देशित करने वाली चेतन शक्ति | श्वेत प्रकाश की दिशा-प्रदाता चेतना |
4 | जगत | माया द्वारा निर्मित दृश्य | स्क्रीन पर फिल्म |
5 | जीव | माया में फँसा आत्मा | फिल्म का पात्र “राज” |
6 | मुक्ति | ब्रह्मस्वरूप की पुनः प्राप्ति | किरदार का जागना |
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