धर्म के प्रतीक : अर्थ से अनभिज्ञता तक
हम नहीं जानते कि शिवलिंग का क्या वास्तविक अर्थ है। हम यह भी नहीं जानते कि मंदिरों में बजने वाले घंटों का क्या महत्व है, गर्भगृह की बनावट ऐसी क्यों होती है, देवताओं के चार या आठ हाथ आखिर क्यों दिखाए जाते हैं और उनके हाथों में जो शस्त्र, कमल, ग्रंथ या अन्य वस्तुएँ हैं, उनका क्या प्रतीकात्मक संदेश है। हमें यह भी स्पष्ट नहीं कि ब्रह्मा के चार सिर किस ज्ञान की ओर संकेत करते हैं या ब्रह्मा और ब्रह्म में कौन सा सूक्ष्म किंतु गहरा अंतर है।