विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग या राधाकृष्णन कमीशन (1948-49) University Education Commission
University Education Commission Or Radhakrishnan Commission (1948-1949): प्रस्तावना - स्वतन्त्रता प्राप्ति के उपरान्त विश्वविद्यालय शिक्षा का निरन्तर विकास हो रहा था, किन्तु प्रचलित शिक्षा प्रणाली किसी भी तरह से स्वतन्त्र व जनतांत्रिक देश के लिए उपयुक्त नहीं थी। इसका मुख्य कारण स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की संख्या में हो रही निरन्तर वृद्धि व उनकी शिक्षा का निम्न स्तर था। अतः भारतीय जनता उच्च शिक्षा के स्तर से असन्तुष्ट थी, क्योंकि यह शिक्षा देश की तत्कालीन आवश्यकताओं को पूरा करने में भी असफल थी। इसका उद्देश्य छान्नों द्वारा परीक्षाएँ उत्तीर्ण करके उपाधियाँ प्राप्त करना रह गया था। अतः उपर्युक्त दोषों का निवारण करने हेतु तथा स्वतन्त्र भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप उच्च शिक्षा का पुनर्संगठन (Reorganization) करने के लिये अन्तर्विश्वविद्यालय शिक्षा परिषद् (I U B E-Inter University Board of Education) तथा केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE-Central Advisory Board of Education) ने भारत सरकार के समक्ष एक अखिल भारतीय विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग (Al...