सवाल समाज से: कहाँ गई हमारी संवेदना?
आधुनिक हिंदी साहित्य में एक कवि हुए, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना शायद अपने नाम सुना होगा। बड़े प्रसिद्ध कवि थे, तो उनकी एक कविता है, गोली खाकर एक के मुँह से निकला— ‘राम’। पर दूसरे के मुँह से निकला— ‘माओ’। लेकिन तीसरे के मुँह से निकला— ‘आलू’। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट है कि पहले दो के पेट भरे हुए थे।