व्यक्तित्व की अवधारणा — विगत अध्यायों में बुद्धि तथा संवेगात्मक बुद्धि की प्रकृति एवं इसके मापन की चर्चा की जा चुकी है। व्यक्ति के व्यवहार के संज्ञानात्मक पक्ष के साथ-साथ गैर-संज्ञानात्मक पक्ष (Non-Cognitive Aspects) भी शैक्षिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण होते हैं तथा मनोविज्ञान में इसके अध्ययन की भी आवश्यकता होती है। प्रस्तुत अध्याय में एवं इसके बाद के कुछ अध्यायों में व्यवहार के कुछ गैर-संज्ञानात्मक पक्षों जैसे व्यक्तित्व, अभिवृत्ति, रुचि, मूल्य आदि की चर्चा की गयी है। निःसन्देह शिक्षाशास्त्र, समाजशास्त्र एवं मनोविज्ञान जैसे व्यावहारिक विज्ञानों में व्यक्तित्व का संप्रत्यय एक अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान रखता है। व्यक्तिगत, संस्थागत एवं सामाजिक व्यवहार से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में आने वाली तरह-तरह की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए एवं वांछित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए व्यक्तित्व का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। प्रस्तुत अध्याय में व्यक्तित्व का अर्थ, प्रकृति तथा सिद्धान्तों की चर्चा प्रस्तुत की गयी है।