संदेश

अप्रैल, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पाठ्यक्रम और जेण्डर संवेदनशीलता (Curriculum And Gender Sensitivity)

प्रश्न - पाठ्यक्रम किस प्रकार से जेण्डर संवेदनशील बनाने में सहायक हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए। उत्तर-      पाठ्यक्रम सम्पूर्ण शिक्षा प्रक्रिया का मूलाधार है। बिना पाठ्यक्रम के हम किसी भी शैक्षिक उद्देश्य की प्राप्ति नहीं कर सकते। पाठ्‌यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति सम्बन्धी उद्देश्यों एवं शैक्षिक सेवाओं के वितरण के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है। पाठ्यक्रम शिक्षा के उद्देश्य, विषय- वस्तु, पाठ प्रदर्शन की अवधि एवं तरीकों तथा शिक्षाशास्त्रियों को कैसे विषय-वस्तु पढ़ानी है एवं कैसे शैक्षिक परिणामों का मूल्यांकन करना है आदि को निर्धारण सम्बन्धी मार्गदर्शन प्रदान करता है। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम प्रचलित सामाजित एवं लैंगिक विभिन्नताओं को एवं परम्परागत लैंगिक रूढ़िवादों को अव्यक्त रूप से परिपुष्ट कर अधिगम विभिन्नताओं सम्बन्धी आवश्यकताओं की उपेक्षा कर और साथ ही साथ पूरे देश में लड़कियों एवं लड़कों पर आधारित अधिगम शैली को प्रोत्साहित करता है। वैकल्पिक रूप से राष्ट्रीय पाठ्यक्रम महिलाओं एवं पुरुषों के मध्य समानता के बारे में सकारात्मक संदेश को विकसित करने का एक वाहक हो सकता है।...

धर्मनिरपेक्षता और शिक्षा (Secularism And Education)

चित्र
धर्मनिरपेक्षता  (Secularism) धर्मनिरपेक्षता एक जटिल तथा गत्यात्मक अवधारणा है। इस अवधारणा का प्रयोग सर्वप्रथम यूरोप में किया गया।यह एक ऐसी विचारधारा है जिसमें धर्म और धर्म से संबंधित विचारों को इहलोक संबंधित मामलों से जान बूझकर दूर रखा जाता है अर्थात् तटस्थ रखा जाता है। धर्मनिरपेक्षता राज्य द्वारा किसी विशेष धर्म को संरक्षण प्रदान करने से रोकती है। भारत में इसका प्रयोग आज़ादी के बाद अनेक संदर्भो में देखा गया तथा समय-समय पर विभिन्न परिप्रेक्ष्य में इसकी व्याख्या की गई है।

शैक्षिक अवसरों की समानता (Equality Of Educational Opportunities)

चित्र
शैक्षिक अवसरों की समानता का अर्थ एवं परिभाषा  (Meaning and Definition of Equality of Educational Opportunities) - भारत में सभी बच्चों को बिना किसी भेद-भाव के शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर एवं सुविधाएँ प्रदान करना ही शैक्षिक अवसरों की समानता है। समान अवसर एवं समान सुविधाओं के सम्बन्ध में विद्वानों के भिन्न-भिन्न मत हैं। भारतीय संविधान की धारा 29 (2) के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है कि राज्य द्वारा घोषित या राज्यनीति से सहायता प्राप्त करने या किसी शिक्षा संस्था में किसी नागरिक को धर्म, प्रजाति, जाति, भाषा या उनमें से किसी एक के आधार पर प्रवेश देने से नहीं रोका जाए। अतः समानता का अर्थ यह है कि विशेष अधिकार वाला वर्ग न रहे तथा सबको उन्नति के समान अवसर मिलें। शिक्षा आयोग (1964-66) के अनुसार,  "जो भी समाज सामाजिक न्याय को अत्यन्त आदर्श मानता है, जन साधारण की स्थिति में सुधार, करने तथा समस्त योग्य व्यक्तियों को शिक्षित करने को उत्सुक है, उसे यह व्यवस्था करनी होगी कि जनता के सभी वर्गों को अवसर व अधिकाधिक समता प्राप्त होती जाए. जिससे वह सुविधापूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें।" इस प्रकार...

व्यक्ति और समाज के बीच संबंध (Relationship Between Individual And Society)

चित्र
व्यक्ति और समाज: व्यक्ति और समाज का रिश्ता सदैव से ही बहस का विषय रहा है। कुछ लोग मानते हैं कि व्यक्ति समाज का उत्पाद है, जबकि अन्य व्यक्ति को समाज से स्वतंत्र मानते हैं। वास्तविकता यह है कि व्यक्ति और समाज एक दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। व्यक्ति समाज में रहकर ही विकसित होता है और समाज भी व्यक्तियों के योगदान से ही बनता है।

प्रेरणा का ईआरजी (ERG) सिद्धांत (ERG Theory of Motivation)

चित्र
 प्रस्तावना - मानवीय प्रेरणा सदैव से ही मनोवैज्ञानिकों और प्रबंधकों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। कर्मचारियों को कार्यस्थल में प्रेरित करने और उच्च प्रदर्शन प्राप्त करने के लिए, उनकी प्रेरणा के स्रोतों को समझना आवश्यक है। ERG सिद्धांत, जिसे Clayton Alderfer द्वारा विकसित किया गया था, यह 1969 में प्रस्तावित किया गया था। यह सिद्धांत Maslow के प्रसिद्ध "आवश्यकता पदानुक्रम" सिद्धांत पर आधारित है, लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी किए गए हैं। ERG सिद्धांत की उत्पत्ति - ERG सिद्धांत Maslow के "आवश्यकता पदानुक्रम" सिद्धांत से प्रेरित है। Maslow के सिद्धांत में, ज़रूरतों को एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, जिसमें सबसे बुनियादी ज़रूरतें सबसे पहले पूरी होती हैं। Erg सिद्धांत इस विचार को स्वीकार करता है, लेकिन यह ज़रूरतों को गतिशील और परिवर्तनशील मानता है।

समाजीकरण - अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, उद्देश्य, प्रक्रिया, अवस्थायें, माध्यम, स्तर एवं प्रविधियाँ (SOCIALIZATION)

चित्र
इस लेख मे हम निम्न महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर चर्चा करेंगे - शिक्षा एक समाजीकरण की प्रक्रिया [EDUCATION AS A PROCESS OF SOCIALIZATION] समाजीकरण से तात्पर्य (MEANING OF SOCIALIZATION) समाजीकरण की परिभाषाएँ (Definitions of Socialization) समाजीकरण की विशेषताएं (Features Of Socialization) समाजीकरण के उद्देश्य (Objectives Of Socialization) समाजीकरण की प्रक्रिया (SOCIALIZATION PROCESS) समाजीकरण एक सतत् एवं प्रतिमानित प्रक्रिया (SOCIALIZATION AS A CONTINUOUS AND PATTERNED PROCESS) समाजीकरण की अवस्थायें (STAGES OF SOCIALIZATION) समाजीकरण के माध्यम (AGENCIES OF SOCIALIZATION) समाजीकरण की प्रविधियाँ (TECHNIQUES OF SOCIALIZATION) समाजीकरण के नियन्त्रण की क्रियाविधि (CONTROL MECHANISM OF SOCIALIZATION) समाजीकरण के स्तर (STAGES OF SOCIALIZATION) परिवार एवं समाजीकरण (FAMILY AND SOCIALIZATION) समाजीकरण पर सहोदर प्रभाव एवं परिवार में क्रमिक स्थिति (SOCIALIZATION EFFECTS OF SIBLING'S ORDINAL POSITION WITHIN THE FAMILY) बालक का समाजीकरण एवं शिक्षा (SOCIALIZATION OF THE CHILD...