मानवता और विश्वास (Humanity and Belief)
मानवता और विश्वास: एक दार्शनिक और आलोचनात्मक विश्लेषण जब भी कोई आपसे कहता है, "मैं जानता हूं कि ईश्वर है" या "मैं जानता हूं कि ईश्वर नहीं है," उसे एक महत्वपूर्ण सलाह दें: ज (जानना ) के स्थान पर म (मानना) का प्रयोग करना सीखें। यह एक साधारण बदलाव है, लेकिन यह सोचने के तरीके में गहराई से परिवर्तन ला सकता है।