सरदार वल्लभभाई पटेल (31 अक्टूबर 1875 – 15 दिसंबर 1950)
आज़ादी के बाद जब एक ओर कुछ कट्टरपंथी विचारधाराएँ धर्म और मज़हब के नाम पर देश को बाँटने की साज़िश रच रही थीं, जब एक ऐसा राष्ट्र, पाकिस्तान, बनाया गया जो विविधता को नहीं, बल्कि एकरूपता की संकीर्ण सोच को पूजता था। तब दूसरी ओर खड़े थे भारत के लौह पुरुष, सरदार वल्लभभाई पटेल। वे उस विचार के प्रतीक थे, जो कहता था - “भारत किसी एक मज़हब का नहीं, बल्कि उन सबका है जो इसकी मिट्टी से प्रेम करते हैं।”