आधुनिकता या आदिमता
कुछ ही दिन पहले ही की बात है, मैंने संत *प्रेमानंद महाराज जी* का एक वक्तव्य सुना। वे समाज को हमेशा दार्शनिक दृष्टि से गहरी शिक्षाएँ देते हैं। अपने प्रवचन में उन्होंने आज के युवाओं की जीवनशैली खासकर live-in relationship और multiple relations पर टिप्पणी की। उनका कहना था कि यदि स्त्री और पुरुष अपने संबंधों को केवल शारीरिक आकर्षण और अस्थायी सुख तक सीमित रखेंगे, तो वे कभी भी अच्छे पति-पत्नी, जिम्मेदार जीवनसाथी और स्वस्थ परिवार का निर्माण नहीं कर सकते।