राष्ट्रवाद या कारोबार? सरकार के दोहरे रवैये का सच
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पाँच महीने भी नहीं हुए हैं। यह हमला जम्मू-कश्मीर के इतिहास में निहत्थे नागरिकों पर हुआ सबसे क्रूर हमला था, जहाँ हिंदुओं को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया गया और गवाहों को जानबूझकर बख्श दिया गया ताकि देश को धर्म के आधार पर और गहरे विभाजित किया जा सके। न्यूज़ चैनलों के एंकरों और राजनीतिक नेताओं ने इस आतंकी योजना को और बढ़ावा दिया। हमले के एक हफ्ते के भीतर ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने बयान दिया कि हिंदुओं को निशाना बनाओ।