प्रश्न पूछने वाला ही विज्ञान का सच्चा सिपाही है। (The Questioner Is Science's True Soldier)
विज्ञान संगठित ज्ञान है। बुद्धि संगठित जीवन है। - इमैनुअल कांट संशय एवं प्रश्न करने की प्रकृति विज्ञान के विषय में अत्यधिक महत्त्व रखते हैं। विज्ञान वह दृष्टिकोण है, जो चीजों को जिज्ञासापूर्ण दृष्टि से देखता है तथा सत्य की खोज में सतत् प्रयत्नशील रहता है। विज्ञान की प्रगति का आधार वही व्यक्ति है जो किसी भी धारणा को बिना प्रश्न किये स्वीकार नहीं करता है, सदैव नवीन उत्तरों की खोज करता है और पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देने का साहस रखता है। इस निबंध में हम इस विचार की गहराई में जाएंगे कि कैसे प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति विज्ञान के विकास और मानव समाज की उन्नति के लिये आवश्यक है।